Sunday, 22 November 2015

गर्भधारण एवं बांझपन निवारक नुस्‍खे

गर्भधारण एवं बांझपन निवारक नुस्‍खे


आज के आधुनिक युग में गर्भधारण संबंधी बहुत सी परेशानियां हैं। बांझपन इसमें कोढ़ में खाज का काम करती है। मैं पिछले कुछ वर्षों से देख रही हूं कि अधिकांश महिलाओं को गर्भधारण में बहुत परेशानी आ रही है। हमारा खानपान और आधुनिक जीवन शैली हम पर ही भारी पड़ रही है। हर महिला का सपना होता है कि वह शादी के बाद जल्‍दी से जल्‍दी मां बने और उसके आंगन में बच्‍चों की किलकारियां गूंजें। पर यदि सब कुछ कुछ सामान्‍य नहीं है तो फिर बहुत परेशानी होती है। डॉक्‍टरों के यहां रोज रोज चक्‍कर लगाने से ही फुर्सत नहीं मिलती। आपकी कुछ मुश्किलों को मैं कर सकूं इसलिए कुछ अच्‍छे नुस्‍खे आपकी सेवा में प्रस्‍तुत कर रही हूं।


बांझपन की दशा में...


१ * सेमर की जड़ पीसकर ढाई सौ ग्राम पानी में पकाएं और फिर इसे छान लें। मासिक धर्म के बाद चार दिन तक इसका सेवन करें।

२ * ५० ग्राम गुलकंद में २० ग्राम सौंफ मिलाकर चबाकर खाएं और ऊपर से एक ग्‍लास दूध नियमित रूप से पिएं। इससे आपको बांझपन से मुक्ति मिल सकती है।

३ * गुप्‍तांगों की साफ सफाई पर विशेष ध्‍यान दें। खाने में जौ, मूंग,घी, करेला, शालि चावल, परवल, मूली, तिल का तेल, सहिजन आदि जरूर शामिल करें।

४ * पलाश का एक पत्‍ता गाय के दूध में औटाएं और उसे छानकर पिएं। मासिक धर्म के बाद से पीना शुरू करें और ७ दिनों तक प्रयोग करें।

५ * पीपल के सूखे फलों का चूर्णं बनाकर रख लें। मासिक धर्म के बाद ५ – १० ग्राम चूर्णं खाकर ऊपर से कच्‍चा दूध पिएं। यह प्रयोग नियमित रूप से १४ दिन तक करें।

६ * मासिक धर्म के बाद से एक सप्‍ताह तक २ ग्राम नागकेसर के चूर्णं को दूध के साथ सेवन करें। आपको फाएदा होगा।

७ * ५ ग्राम त्रिफलाधृत सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है। जिससे महिला गर्भधारण करने के योग्‍य हो जाती है।


गर्भधारण हेतू कुछ उपाय

१ * तीन ग्राम गोरोचन, १० ग्राम असगंध, १० ग्राम गजपीपरी तीनों को बारीक पीसकर चूर्णं बनाएं। फिर पीरिएड के चौथे दिन से निरंतर पांच दिनों तक इसे दूध के साथ पिएं।
२ * महिलाओं को शतावरी चूर्णं घी – दूध में मिलाकर खिलाने से गर्भाशय की सारी विकृतियां दूर हो जाएंगीं और वे गर्भधारण के योग्‍य होगी।
३ * १० ग्राम पीपल की ताज़ी कोंपल जटा जौकुट करके ५०० मि.ली. दूध में पकाएं। जब वह मात्र २०० मि.ली. बचे तो उतारकर छान लें। फिर इसमें चीनी और शहद मिलाकर पीरिएड होने के ५वें या ६ठे दिन से खाना शुरू कर दें। यह बहुत अच्‍छी औषधि मानी जाती है।


गर्भपात रोकने के कुछ उपाय


१ * पीपल की बड़ी कंटकारी की जड़ पीस कर भैंस के दूध के साथ कुछ दिनों तक लें।

२ * हरी दूब के पंचांग (जड़, तना, पत्‍ती, फूल, फल) को पीसकर उसमें मिश्री व दूध मिलाकर १५० – २०० ग्राम शरबत सुबह शाम पिएं।

३ * मूली के बीजों का महीन चूर्णं और भीमसेनी कपूर को गुलाब के अर्क में मिलाकर गर्भ ठहरने के बाद योनि में कुछ दिनों तक मलने से बहुत लाभ होता है। अगर किसी महिला को बार बार गर्भस्राव होता है, तो उसके लिए यह बहुत फाएदेमंद नुस्‍खा है।

४ * गाय का ठंडा किया हुआ दूध व जेठीमधु का काढ़ा बनाकर पिलाएं साथ में इसी काढ़े को नाभि के नीचे भाग पर लगाएं। इससे गर्भस्राव की संभावना कम हो जाती है।

५ * वंशलोचन, नागकेसर, मिश्री को लेकर महीन चूर्णं बनाएं। फिर इसे २ ग्राम की मात्रा में सुबह शाम गाय के दूध के साथ खाने से लाभ होता है।

६ * एक पके केले को मथकर उसमें शहद मिलाकर गर्भवती स्‍त्री को खिलाएं।

७ * अशोक की छाल का क्‍वाथ बनाकर कुछ दिनों तक सुबह शाम पिलाने से गर्भवती स्‍त्री के गर्भस्राव की संभावना खत्‍म हो जाती है।


गर्भनिरोधक उपाय


१ * केले का पेड़ जिस पर फल न लगा हो। या फलहीन पेड़ हो,उसकी जड़ उखाड़कर सुखा लें। उसका चूर्णं बनाकर रख लें। मासिक के समय ४ – ५ ग्राम की मात्रा में सेवन करने से गर्भ नहीं ठहरता।

२ * माहवारी खत्‍म होने के बाद तुलसी के पत्‍तों का काढ़ा चार दिन तक लगातार पीने से भी गर्भ ठहरने की संभावना कम हो जाती है।

३ * पपीता भी एक बहुत ही कारगर उपाय है। गर्भनिरोधक के रूप में इसे प्रयोग करें।

४ * सुबह उठने के बाद बासी मुंह (बिना कुल्‍ला किए) एक दो लौंग चबाने से भी गर्भ नहीं ठहरता है।

५ * मासिक धर्म के समय चंपा के फूलों को पीस कर पीने से गर्भधारण की संभावना नहीं रहती। जब तक बच्‍चा न चाहें, तब तक इसे प्रयोग कर सकती हैं।

६ * संभोग करने से पहले योनि में शहद लगाने से भी गर्भधारण नहीं होता है।

७ * संभोग से पहले योनि में नीम का तेल लगाने से गर्भ नहीं ठहरता है।




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