Tuesday 6 January 2015

गुर्दे की पथरी (STONE IN KIDNEY)

गुर्दे की पथरी आमतौर पर कैल्शियम फास्फेट, यूरिक एसिड या सिस्टाइन के जम जाने के कारण बनती है। पथरी पहले गुर्दे में बनती है और फिर धीरे-धीरे मूत्राशय की ओर बढ़ने लगती है। गुर्दे की पथरी से मूत्र मार्ग में संक्रमण व रुकावट पैदा होती है जिससे पेशाब करने में अत्यधिक कठिनाई व कष्ट होता है। पथरी छोटे व बड़े दोनों तरह की होती है। छोटी पथरी होने पर वह आसानी से गल कर निकल जाती है परन्तु बड़ी पथरी होने पर अत्यधिक कष्ट होता है। गुर्दे की पथरी मुख्य रूप से मध्यम आयु के लोगों में पाई जाती है।
गुर्दे की पथरी का कारण :-
          गुर्दे की पथरी मुख्य रूप से मूत्र-इन्द्रियों में पुराना संक्रमण होने के कारण बनती है। यह रोग अधिक मिर्च-मसाले व तरल पदार्थो के सेवन के कारण भी हो सकता है। अधिक मात्रा में कैल्शियम वाले पदार्थ जैसे चॉकलेट, स्ट्राबेरी आदि का अधिक सेवन करने से भी पथरी बन सकती है। शरीर में युरिक अम्ल बढ़ जाने पर भी पथरी बन जाती है। कभी-कभी गर्मी के मौसम में शरीर से तरल पदार्थ निकल जाने के कारण शरीर में जलीय तत्व की कमी के कारण भी गुर्दे में पथरी बन जाती है।
          कुछ रोगी में गुर्दे की पथरी वंशानुगत भी होती है जो उसके परिवार के द्वारा उसमें हो जाता है।
गुर्दे की पथरी के लक्षण :-
          गुर्दे की पथरी होने पर तेज दर्द होता है। दर्द पेट में शुरू होकर धीरे-धीरे उरुसंधि तक पहुंच जाता है। इस रोग में दर्द होने के साथ पेशाब करने में भी परेशानी होती है। पेशाब लाल आने लगता है। रोगी को उल्टी और अधिक पसीना आने लगता है। इस तरह के लक्षणों के साथ उत्पन्न गुर्दे की पथरी में संक्रमण हो जाने पर रोगी के शरीर में कंपकंपी होने लगती है और उसे बुखार हो जाता है। गुर्दे की पथरी में रोगी को पेशाब लगता है परन्तु पेशाब नहीं आता जिससे उसमें बार-बार पेशाब करने की इच्छा बनी रहती है।
गुर्दे की पथरी में सावधानी :-
          गुर्दे की पथरी होने पर शरीर से जलीय तत्व कम होने लगता है। अत: रोगी को अपने शरीर से पानी की मात्रा को कम न होने देना चाहिए और दिन भर में कम से कम 5 लिटर पानी अवश्य पीना चाहिए। गर्मी के दिनों में अधिक कार्य न करें। इसके अतिरिक्त गुर्दे की पथरी के साथ संक्रमण होने पर जल्दी उपचार कराएं।
परहेज :-
          गुर्दे की पथरी होने पर पथरी को गलाने वाले पदार्थो का सेवन करें। रेशेदार पदार्थ जैसे चोकर की रोटी खाएं तथा जौ का पानी पीए। बीयर पीने से भी पथरी में लाभ होता है लेकिन अधिक बीयर का सेवन न करें।
          गुर्दे की पथरी होने पर दूध व दूध से बने वस्तुओं का सेवन न करें। चॉकलेट व चुकन्दर का भी सेवन न करें क्योंकि इनमें कैल्शियम होता है। स्ट्रॉबेरी व रेवन्दचीनी भी न खाएं। गुर्दे की पथरी में लाल मांस का भी सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है। इसके साथ अण्डे, मांस, मछली आदि का भी सेवन न करें। दर्द को दूर करने के लिए कैल्शियम वाली दवाइयों का सेवन न करें।

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